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राम सेतु को लेकर हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, ये थी मांग

15-Mar-2025 || By Editor

राम सेतु स्थल पर दीवार बनाने और राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि समुद्र में दोनों तरफ दीवार कैसे बनाई जा सकती है? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि एक तरफ से बनाई जा सकती है।

हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नामक संगठन के अध्यक्ष अशोक पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में गुहार लगाई गई थी कि धनुषकोडी के पास समुद्र में राम सेतु के पास कुछ सौ मीटर और संभव हो तो एक किलोमीटर तक दीवार बनाने के निर्देश दिए जाएं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो इस याचिका पर सुनवाई क्यों की जाए।

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कई साल पहले राम सेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने के लिए याचिका दायर की थी। सुब्रमण्यम स्वामी कई बार सीजेआई से इस मामले की जल्द सुनवाई करने को कह चुके हैं। कई बार कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है।

इस मामले पर केंद्र सरकार का क्या रुख है?

मोदी सरकार राम सेतु मामले पर पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर सेतुसमुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। सरकार परियोजना के लिए कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि राम सेतु करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है, इसलिए इसे नहीं तोड़ा जाना चाहिए। साथ ही राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाना चाहिए।

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