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सपा पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की सजा पर हाईकोर्ट से आया बड़ा अपडेट, सियासी भविष्य परअब लगेगा विराम
उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बची रहेगी या निरस्त हो जाएगी,इसका फैसला हाई कोर्ट ने रिजर्व कर लिए है इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायलय में चल रही सुनवाई आज कोर्ट में पूरी हो गई है। इस सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है। और अदालत का फैसला अगले हफ्ते आने की उम्मीद है। सांसद अफजाल अंसारी का सियासी भविष्य इलाहाबाद उच्च न्यायलय से जल्द आने वाले फैसले पर ही निर्भर करेगा।
उत्तर प्रदेश की गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में पिछले साल 29
अप्रैल को 4 साल की सजा बीजेपी के कृष्णानंद राय के केस में मिली थी। अफजल अंसारी गैंगस्टर मामले में सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता रद हो गई थी। इसलिए अफजाल अंसारी ने 4 साल की सजा के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायलय में अपील दाखिल की थी और ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायलय ने इस मामले में अफजाल अंसारी को बैल तो दे दी थी, परन्तु हाई कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक नहीं लगाई थी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट बाद में सर्वोच्च न्यायलय ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और हाईकोर्ट इलाहाबाद को उनकी अपील पर 30
जून तक फैसला देने को कहा था। सर्वोच्च न्यायलय से सजा पर रोक लगने की वजह से सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी और इस आधार पर वह दोबारा लोकसभा का चुनाव लड़ सके थे।
और इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हो रही थी। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय के परिवारीजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सांसद अफजाल अंसारी की सजा को बढ़ाए जाने की गुहार कोर्ट में लगाई। और इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो रही थी। और कोर्ट में सांसद अफजाल अंसारी की तरफ से कोर्ट में यह दलील पेश की गई थी उनके गैंगस्टर का केस भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर दर्ज किया गया था। और उस मुक़दमे में वह कई साल पहले बरी हो चुके हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के वकील ने दलील दी गई कि अगर वह मूल केस में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर दर्ज गैंगस्टर का केस भी निरस्त होना चाहिए था । कोर्ट ने उभय पक्षों को सुनने के बाद आज अपना जजमेंट रिजर्व कोर्ट ने कर लिया। और अफजाल अंसारी की तरफ से कोर्ट में उनके वकील उपेंद्र उपाध्याय ने दलीलें कोर्ट में पेश की, जबकि बीजेपी के कृष्णानंद राय के परिवारीजनों की तरफ से अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा। अफजाल अंसारी को अगर उच्च न्यायलय से राहत नहीं मिलती और उनकी सजा रद्द नहीं होती है तो उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो जाएगी।
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